Wednesday 13 May 2015

उत्तराखण्ड त्रासदी पर

शिव को दोष मत दे रे ऐ बेगैरत इंसान
           दुषकर्मों का मिल रहा है ये तुझको ईनाम…1

             शीश झुका मैं कर रहा था अपने शिव का ध्यान
             तब चुपके से आया था वो नरभक्षी हैवान…2
                                                          आफत में जब पडी हुई थी उन लोगों की जान
                                                          मानवता को कुचल रहे थे तब भी कुछ शैतान…3
पर्वत नदीयाँ वृक्ष धरा ही हैं असली भगवान
इनकी रक्षा करके ही अब बच सकती है जान…4
BY 
MR. PRYAS

Monday 11 May 2015

उत्तराखंड पर्यटन

उत्तराखंड पर्यटन - क्यों न खूबसूरती को निहारा जाये
उत्तराखंड, उत्तर भारत में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत और शांत पर्यटन केंद्र है । इस जगह का शुमार देश की उन चुनिन्दा जगहों में है जोअपनी सुन्दरता के चलते दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।  'देवताओं की भूमि' के रूप में जाना जाने वाला उत्तराखंड अपने शांत वातावरण, मनमोहक दृश्यों और खूबसूरती के कारण पृथ्वी का स्वर्ग माना जाता है।


जलवायु
उत्तराखंड राज्य तीन प्रमुख मौसमों का अनुभव करता है जिनमें गर्मी, मॉनसून और सर्दी शामिल हैं। यहाँ की जलवायु बहुत हद तक यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियों पर भी निर्भर करती है। यहाँ जहाँ एक तरफ विशाल पहाड़ियां हैं  वहीँ दूसरी तरफ छोटे प्लेन भी है । उत्तराखंड की यात्रा का सबसे अच्छा समय गर्मियों का मौसम है इस समय यहाँ का मौसम बहुत ही अच्छा रहता है। उत्तराखंड आने वाले पर्यटक अपनी यात्रा को सर्दियों में भी प्लान कर सकते हैं। हालांकि भीषण बर्फ़बारी के चलते कुछ स्थानों पर आने वाले पर्यटक नहीं जा सकते हैं फिर भी अगर आप चाहें तो इस मौसम में भी उत्तराखंड की यात्रा की जा सकती है। 
भाषाएँ
उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा हिन्दी है, लेकिन यह विभिन्न बोलियों में विविध क्षेत्रों में बोली जाती हैं। कुमाऊंनी और गढ़वाली यहाँ  ज़्यादातर बोली जाती है।  इसके अलावा, पहाड़ी बोली भी कुछ क्षेत्रों में लोकप्रिय है। 'कुमाऊं' व्यापक श्रेणी के तहत, लोकप्रिय उप बोलियाँ हैं - जोहरी, दानपुरिया, अस्कोटी, सिराली, गंगोला, खास्पर्जिया, फल्दाकोती, पच्चायी, रौचौभैसी, माझ कुमैया, सोरयाली, चौघरख्याली और कुमैया।  गढ़वाली बोली की उप श्रेणियों में जौनसारी, सैलानी और मर्ची शामिल हैं। यहाँ की प्रमुख बोलियां  संस्कृत, केंद्रीय पहाड़ी, और सौरसेनी प्राकृत से प्रभावित हैं और ये भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं।
उत्तराखंड में पर्यटन
उत्तराखंड के 13 खूबसूरत जिलों में अनेक पर्यटक स्‍थल हैं नए स्थलों की खोज के साथ यहाँ की सूची बढती ही जा रही है। पूजा से ट्रैकिंग तक, हर स्थल अपने में अलग अहमियत रखता है । यहाँ अनेक तीर्थस्थल मौजूद हैं और यहाँ की खूबसूरत वादियाँ यात्रियों के लिए रोमांचक गतिविधियों की एक विशाल रेंज प्रदान करती है।उत्तराखंड के झीलों के जिले के रूप में जाना जानेवाला, नैनीताल एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो की समुद्र तल से 1938 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। स्वर्ग का यह टुकड़ा अंग्रेजों द्वारा वर्ष 1841 में खोजा गया था और एक हॉलिडे रिसोर्ट में बदल दिया गया। शब्द 'नैनी' हिंदू देवी नैनी के नाम से पड़ा,जिनका मंदिर झील के किनारे स्थित है।
नैनीताल आगंतुकों को नौका विहार, नौकायन और मछली पकड़ने के अवसर प्रदान करता है। नैनीताल के विभिन्न खूबसूरत पर्यटक स्थल दुनिया भर से पर्यटकों की एक बड़ी संख्या कोअपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन स्थानों में हनुमानगढ़ी, खुरपाताल, किलबरी,लारिअकंता, और लैंसडाउन शामिल हैं।
इसके अलावा इन स्थानों से नैनी पीक, स्नो व्यू , नैनीताल रोपवे, भीमताल, नौकुचियाताल, और सात तालनैनीताल के पास के स्थल हैं जो अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते है। 'पहाड़ियों की रानी' मसूरी देखने लायक जगह है। इसकी खूबसूरत हरी भरी पहाड़ियां और शक्तिशाली हिमालय की बर्फ से ढकी पर्वतमाला दून घाटी जो की दक्षिणी दिशा में स्थित है, का एक मनोरम दृश्य प्रदान करते हैं।
यमुना ब्रिज, नाग टिब्बा, धनौल्टी, और सुरखंडा देवी मसूरीके आस पास के पर्यटक स्थल हैं। कौसानी कत्युरी घाटी , गोमती नदी और पंचचुली की बर्फीली चोटियों, नंदा कोट, नंदा देवी, त्रिशूल, नंदा घुंटी, चौखम्बा और केदारनाथ के लुभावने दृश्य प्रदान करता है। अनासक्ति आश्रम, पंत संग्रहालय, और लक्ष्मी आश्रम भी पर्यटकों में लोकप्रिय हैं।
कौसानी कत्युरी घाटी , गोमती नदी और पंचचुली की बर्फीली चोटियों, नंदा कोट, नंदा देवी, त्रिशूल, नंदा घुंटी, चौखम्बा और केदारनाथ के लुभावने दृश्य प्रदान करता है। अनासक्ति आश्रम, पंत संग्रहालय, और लक्ष्मी आश्रमभी पर्यटकों में लोकप्रिय हैं।
अपने प्राकृतिक सौंदर्य और एक विविध वन्य जीवन के लिए जाने जानेवाले जगहों में, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क, केदारनाथ अभयारण्य, गोविंद वन्यजीव अभयारण्य, बिनसर वन्य जीव अभयारण्य, आस्सन बैराज पक्षी अभयारण्य, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क, और अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य जैसी जगहें शामिल है।
कई तीर्थयात्री आदि कैलाश, अल्मोड़ा, अगस्त्य मुनि, बद्रीनाथ, देवप्रयाग, द्वारहाट, गंगनानी,गंगोलीहाट, गंगोत्रीऔर गौरीकुंड जैसे स्थानों पर देवताओं के दर्शन हेतु उत्तराखंड आते हैं। अन्य प्रसिद्ध स्थलों हरिद्वार, केदारनाथ,रुद्रनाथ, कल्पेश्वर, और जागेश्वर शामिल हैं।
हिमालय और काराकोरम पर्वतमाला ट्रेकिंग, पर्वतारोहण, स्कीइंग, और रिवर राफ्टिंग के लिए आदर्श स्थल हैं।यहाँबाइकिंग, पैराग्लाइडिंग और कैम्पिंग का भी आनंद लिया जा सकता है।



Sunday 10 May 2015

"Jhampa Bakhruwali" Title Song | Rakesh Panwar & Meena Rana | Latest Garhwali Album 2014

Meri Gajina | Ram Chamoli | Ishaan Dobhal | Purna Films